लाडकी बहन योजना में नया नियम — यह कदम पूरा करें, नहीं तो ₹1,500 की सहायता रुक जाएगी

5 अक्टूबर 2025, मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहन योजना में एक नया नियम लागू किया है। इस महिला कल्याण योजना के तहत राज्यभर की पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1,500 की आर्थिक सहायता दी जाती है। अब सरकार ने स्पष्ट किया है कि आवेदक के वैवाहिक दर्जे के अनुसार पति या पिता का ई-केवाईसी (e-KYC) करवाना अनिवार्य होगा। जो महिलाएं यह प्रक्रिया पूरी नहीं करेंगी, उन्हें योजना से बाहर किया जा सकता है।

नया नियम क्यों लाया गया

अब तक सरकार केवल महिला की व्यक्तिगत आय देखकर आवेदन स्वीकृत करती थी। लेकिन सत्यापन के दौरान अधिकारियों ने पाया कि कई महिलाएं अपनी आय कम दिखा रही थीं, जबकि उनके परिवार की कुल आय पात्रता सीमा से अधिक थी।

इस गड़बड़ी को रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि योजना का लाभ केवल वास्तव में जरूरतमंद महिलाओं तक पहुंचे, महिला एवं बाल विकास विभाग ने परिवार के सदस्यों की आय और पहचान की ई-केवाईसी के माध्यम से जांच अनिवार्य कर दी है।

अधिकारियों के अनुसार, यह कदम प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए उठाया गया है ताकि जो लोग गलत तरीके से लाभ ले रहे हैं, उन्हें बाहर किया जा सके।

शादीशुदा और अविवाहित महिलाओं के लिए नियम

नए नियम के तहत:

  • शादीशुदा महिलाएं अपने पति का आधार ई-केवाईसी करवाएंगी।
  • अविवाहित महिलाएं अपने पिता का आधार ई-केवाईसी करवाएंगी।

सरकार पति या पिता की आय, नौकरी और संपत्ति की जानकारी की जांच करेगी। यदि परिवार की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से अधिक पाई जाती है, तो उस महिला को ₹1,500 मासिक सहायता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि यह सत्यापन प्रक्रिया पात्रता के नवीनीकरण का हिस्सा है और इसे पूरा करना जरूरी है ताकि भुगतान बिना रुकावट जारी रह सके।

ई-केवाईसी कैसे करें

ई-केवाईसी की प्रक्रिया बेहद आसान है और इसे ऑनलाइन किया जा सकता है। लाभार्थी अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर के माध्यम से लाडकी बहन योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर लॉगिन कर सकती हैं। लॉगिन के बाद, “e-KYC” विकल्प चुनकर पति या पिता का आधार नंबर दर्ज करें और रजिस्टर्ड मोबाइल पर आए ओटीपी (OTP) से सत्यापन पूरा करें।

अगर किसी को वेबसाइट या ओटीपी से संबंधित समस्या आती है, तो वे अपने नजदीकी महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय में जाकर सहायता ले सकती हैं। वहां अधिकारी दस्तावेज़ देखकर मैनुअल ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने में मदद करेंगे।

ई-केवाईसी न करने पर योजना से हटाया जा सकता है

अधिकारियों ने साफ कहा है कि अगर कोई महिला निर्धारित समय सीमा तक ई-केवाईसी नहीं करती, तो उसका नाम लाभार्थी सूची से अस्थायी रूप से निलंबित या स्थायी रूप से हटाया जा सकता है।

कई महिलाओं को पहले ही एसएमएस संदेशों के जरिए चेतावनी दी जा चुकी है कि वे तुरंत ई-केवाईसी पूरी करें ताकि उनकी ₹1,500 की सहायता बंद न हो।

नवीनतम विभागीय अपडेट के अनुसार, यदि ई-केवाईसी समय पर पूरी नहीं होती, तो सिस्टम भुगतान रोक देगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद आगे की किश्तें फिर से जारी होंगी, लेकिन छूटी हुई किश्तों का भुगतान वापस नहीं किया जाएगा

सरकार का स्पष्टीकरण

महिला एवं बाल विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा —

“इस कदम का उद्देश्य लाभार्थियों को परेशान करना नहीं है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि केवल वही महिलाएं लाभ लें जो वास्तव में पात्र हैं। योजना को निष्पक्ष और पारदर्शी रखना हमारी जिम्मेदारी है।”

विभाग ने यह भी कहा कि यह कदम योजना की वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक है, क्योंकि पहले हजारों अपात्र महिलाएं अधूरे सत्यापन के कारण लाभ ले रही थीं।

जनता की प्रतिक्रिया

इस नए नियम को लेकर महिलाओं की मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ महिलाएं इसे जरूरी कदम बता रही हैं, ताकि गलत लाभार्थियों को रोका जा सके। वहीं कुछ का कहना है कि यह प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली है, खासकर उन महिलाओं के लिए जिनके पास डिजिटल साधनों या लिंक्ड मोबाइल नंबरों की कमी है।

समाजसेवियों ने सरकार से अनुरोध किया है कि ई-केवाईसी की अंतिम तिथि बढ़ाई जाए और ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएं ताकि तकनीकी या दस्तावेज़ संबंधी समस्याओं का समाधान किया जा सके।

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